Ustrasana Benefits in Hindi - उष्ट्रासन करने के फायदे

आज हम आपको Ustrasana Benefits in Hindi के बारे में बताने जा रहे हैं आज हम जानेंगे Ustrasana योग कैसे किया जाता है और इसको करने से कौन-कौन से फायदे होत

Ustrasana Benefits in Hindi - उष्ट्रासन करने के फायदे

Ustrasana Benefits in Hindi

आज हम आपको Ustrasana Benefits in Hindi के बारे में बताने जा रहे हैं आज हम जानेंगे Ustrasana योग कैसे किया जाता है और इसको करने से कौन-कौन से फायदे होते हैं।


    गर्दन से लेकर पेट तक और पेट से लेकर घुटनों तक फायदेमंद साबित होने वाला यह आसन आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ रखेगा और इस आसन से आपके शरीर में रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है।


    यह आसन अधिक आयु के लोगों के लिए थोड़ा कठिन जरूर है लेकिन जब आप इसके फायदों के बारे में जानेंगे तब आपका मन और उत्साह बढ़ जाएगा और आप इस आसन को जरूर करेंगे।


    Ustrasana योग का योग में काफी महत्व रहा है क्योंकि इस आसन को करने से हमारे शरीर को काफी लाभ पहुंचता है अर्थात यह हमारे शरीर के पेट के भाग में होने वाले सभी रोग से हमें मुक्ति देने में सहायक है।


    ऊंट के समान धारण की गई स्थिति को जब एक मनुष्य द्वारा धारण किया जाता है तो पेट पर इसका बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है पेट से होने वाले सभी रोगों से छुटकारा मिलता है।


    तो आइए अब हम Ustrasana योग के अर्थ के बारे में आपको बताते हैं।

    What is Ustrasana In Hindi

    जैसे कि आप सभी जानते होंगे Ustrasana शब्द से ही आप इसके अर्थ को समझ सकते हैं उष्ट जो कि एक संस्कृत का शब्द है जिसे हिंदी में ऊंट कहा जाता है और आसन का मतलब होता है मुद्रा यानी स्थिति।


    ऊंट के भांति किए जाने वाले आसन को Ustrasana कहा जाता है अब आप Ustrasana योग के बारे में भली भांति जान चुके हैं।


    इसलिए अब हम Ustrasana योग को करने का सही तरीका जानेंगे क्योंकि किसी भी योग और आसन को सही से करना बहुत ही आवश्यक है।


    अगर आप किसी आसन को सही से नहीं करेंगे तो आपका शरीर उस आसन से होने वाले फायदों से वंचित रह जाएगा और गलत तरीके से किया जाने वाला आसन केवल आपका समय बर्बाद करेगा इसलिए हर आसन को सही से करना बहुत ही आवश्यक है।

    Ustrasana करने का सही तरीका

    • सबसे पहले Ustrasana करने के लिए एक साफ-सुथरी जगह का चुनाव करें।
    • Ustrasana करने के लिए चटाई या फिर योगा मैट को फैलाएं।
    • अब अपने घुटनों के बल बैठ जाएं।
    • अब अपने दोनों हाथों को अपनी कमर के पीछे की तरफ इस प्रकार रखें कि आपकी उंगलियों के दिशा नीचे की तरफ हो।
    •  ध्यान रखें कि आपकी कोहनी और कंधे एक समांतर हो और आप की झांकी जमीन से लगभग 90 डिग्री पर होनी चाहिए।
    • अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए अपनी रीढ़ की हड्डी के बल पीछे की तरफ झुके।
    • आपको अपनी गर्दन पर खिंचाव महसूस होगा।
    • इस आसन को अर्ध उष्ट्रासन कहते हैं।
    • अब हम अर्ध उष्ट्रासन से उष्ट्रासन की तरफ बढ़ेंगे।
    • धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए नीचे की ओर झुके और कमर से हाथ उठाकर अपना दाहिना हाथ दाहिने एड़ी पर रखें और बाएं हाथ को बाई एड़ी पर रखें।
    • अब आप पूर्ण रूप से उष्ट्रासन की स्थिति में आ चुके हैं।
    • अब इस स्थिति में सांसों का आदान प्रदान करें।
    • इस स्थिति में 25 से 30 सेकंड तक रहे।
    • इसके उपरांत आप फिर से वज्रासन की स्थिति में आ जाएं।।
    • Ustrasana को आप रोजाना सात से आठ बार कर सकते हैं और अगर आप अपनी इच्छा अनुसार इस आसन को और अधिक करना चाहते हैं तो कर सकते हैं।


    इस आसन को अच्छे से समझने के लिए इससे संबंधित नीचे दिया गया वीडियो भी देख सकते हैं और इसको सही से कैसे किया जाता है इसके बारे में समझ सकते हैं।


    Ustrasana करने का सही तरीका आप जान चुके हैं आइए अब इन से होने वाले फायदों के बारे में जान लेते हैं।


    क्योंकि अगर आप Ustrasana योग से होने वाले फायदों के बारे में जान लेंगे तब आप अपने मित्रों और घर के सदस्यों को Ustrasana करने की सलाह दे सकते हैं। 


    अगर उन्हें पेट से संबंधित कब्ज अपच एसिडिटी बदहजमी जैसी समस्या है तब आप उन्हें Ustrasana करने की सलाह दे सकते है।

    Ustrasana के फायदे (Ustrasana Benefits in Hindi)

    • Ustrasana करने से पेट आदि की समस्या दूर होती है।
    • पेट में दर्द की समस्या से छुटकारा मिलता है।
    • पाचन तंत्र को शक्तिशाली बनाता है।
    • उष्ट्रासन करने से गर्दन और कंधों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
    • इस आसन को करने से सर और हृदय में रक्त का संचार सही से बना रहता है।
    • इस आसन को करने से आंखों की दृष्टि बढ़ती है।
    • कूल्हों की मांसपेशियों को मजबूत और चर्बी को घटाता है।
    • पेट साफ रखने और जलन की समस्या से छुटकारा मिलता है।
    • पेट का फूलना, कब्ज बदहजमी जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
    • वजन को कम करने मैं भी सहायक है।
    • इससे पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है।


    दोस्तों आपने Ustrasana योग को करने का सही तरीका और सही फायदों के बारे में जान लिया है। Ustrasana योग करने से पहले कुछ सावधानियों को ध्यान में रखना भी जरूरी है अगर आप किसी गंभीर रोग से ग्रसित हैं।


    तो इस योग को नहीं करना चाहिए इसलिए नीचे दी गई सभी सावधानियों को ध्यान में रखकर ही इस आसन को करना चाहिए।

    Ustrasana‌ के लिए सावधानियां

    • गर्भवती महिलाओं को Ustrasana नहीं करना चाहिए।
    • जिन लोगों को चक्कर आते हैं और हर्निया गठिया जैसे रोगों से पीड़ित है उन लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
    • हृदय रोग और उच्च रक्तचाप वाले रोग से पीड़ित हैं तो यह आसन नहीं करना चाहिए।
    • पेट में यदि चोट लगी हो तो उष्ट्रासन नहीं करना चाहिए।
    • गर्दन में मोच या चोट लगी हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए।
    • अगर पेट की सर्जरी हुई हो इस आसन को नहीं करना चाहिए।
    • कमर दर्द हो तो Ustrasana योग नहीं करना चाहिए।
    • पेट दर्द होने पर Ustrasana नहीं करना चाहिए।
    • अगर घुटनों में दर्द है तब Ustrasana नहीं करना चाहिए।
    • Ustrasana योग करते समय अगर ठीक महसूस ना हो तब Ustrasana नहीं करना चाहिए।

    ShowHideComments
    Cancel

    -->