Pawanmuktasana Benefits in Hindi - पवनमुक्तासन करने के फायदे जानिए
Pawanmuktasana Benefits in Hindi - पवनमुक्तासन करने के फायदे जानिए
दोस्तों आप सभी का Pawanmuktasana Benefits in Hindi विषय के ऊपर आज हम बात करने वाले हैं।
जहां पर हम आपको बताएंगे कि पवनमुक्तासन करने के फायदे क्या हैं और पवनमुक्तासन का सही अर्थ क्या है इसके साथ ही हम आपको Pawanmuktasana करने का सही तरीका भी बताएंगे।
इसे करने से पहले हमें किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए इसके बारे में भी आपको जरूर बताएंगे योग और आसन हमारे जीवन में काफी अधिक महत्व रहता है क्योंकि इसको करने से ना तो हमारे शरीर पर कोई साइडइफेक्ट पड़ता है।
लेकिन इसे करने से पहले बस कुछ सावधानियों का ध्यान रखना पड़ता है पवनमुक्तासन करने से हमारे शरीर को मजबूती मिलती है।
हमारे शरीर में Spinal Nerves पर भी असर पड़ता है जो कि हमारे शरीर के लिए काफी अच्छा होता है।
इससे हमारे शरीर के पेट में काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है पेट से संबंधित सभी लोगों से मुक्त होने के लिए आप भी Pawanmuktasana योग को अपने जीवन में अपना सकते हैं तो आइए जानते हैं पवनमुक्तासन के सही अर्थ के बारे में।
पवनमुक्तासन योग क्या है
पवनमुक्तासन 3 शब्दों का मेल है जिसमें पवन का मतलब है हवा और दूसरे शब्द मुक्त का अर्थ है छोड़ना या त्याग करना इसके साथ ही तीसरे शब्द आसन का अर्थ है मुद्रा यानी स्थिति
जिस आसन में हम पवन को सांस को छोड़ने की क्रिया करते हैं उसे हम पवनमुक्तासन कह सकते हैं लेकिन अगर आप पवनमुक्तासन करने का सही तरीका नहीं जानते।
तो आप इसके मतलब को अच्छे से नहीं जान पाएंगे तो आइए Pawanmuktasana करने का सही तरीका जान लेते हैं।
पवनमुक्तासन कैसे करें (Pawanmuktasana Right Pose)
- किसी समतल और खुली जगह का चुनाव करें जहां पर ताजी हवा आती हो।
- किसी चटाई या फिर योगा मैट को फैलाएं।
- अगर पीठ के बल लेट जाएं और श्वास लें।
- अब आप स्वशासन की स्थिति में आ गए हैं।
- अपनी हथेली को पेट के साथ इस प्रकार रखें कि आपकी हथेली आसमान की तरफ होनी चाहिए।
- अपने दोनों पैरों घुटनों को जोड़ते हुए और अपने हाथों से घुटनों के नीचे दोनों पैरों को पकड़कर अपनी चेस्ट के पास लाएं।
- ध्यान रखें आपके दोनों घुटने आपके पेट और चेस्ट के साथ लगे होने चाहिए।
- आप अपने सर और कंधों को ऊपर की तरफ उठाएं और सांसो का आदान-प्रदान भी करें।
- अब आप पूर्ण रुप से पवनमुक्तासन की स्थिति में आ चुके हैं।
- जब तक हो सके इस स्थिति में रहे और सांसो का आदान प्रदान करते रहे
- इसके पश्चात आप फिर से श्वास आसन की स्थिति में आ सकते हैं।
- इस आसन को करने में किसी भी प्रकार की जल्दबाजी और जबरदस्ती ना करें।
आपने Pawanmuktasana करने का सही तरीका बिलकुल अच्छी तरह से जान लिया है।
अगर आपको इस आसन के सही स्थिति के बारे में अभी पता नहीं चला है तो नीचे दिया गया वीडियो आप देख सकते हैं इसमें स्वशासन के फायदे सावधानियों और सही तरीके के बारे में बताया गया है।
यह दोस्तों अब हम स्वशासन करने के फायदों के बारे में भी जान लेते हैं अगर हम इसके फायदों के बारे में अच्छे से जानते होंगे तो अपने मित्रों को सगे संबंधियों को इसकी सलाह दे सकते हैं।
पवनमुक्तासन योग के फायदे (Pawanmuktasana Benefits in Hindi)
#1. पेट की गैस को कम करेें
Pawanmuktasana करने से हमारे बात पर अच्छा प्रभाव पड़ता है पेट की आंतों के ऊपर भी इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है।
इसलिए पवनमुक्तासन करने से हम पेट की गैस से राहत पा सकते हैं पेट को साफ रखने कब्ज, पेट में जलन, बदहजमी, अपच का रामबाण उपाय है पवनमुक्तासन।
#2. पवनमुक्तासन से मेरुदंड मजबूत होता है
शरीर में रीड की हड्डी या मेरुदंड को मजबूत करने में पवनमुक्तासन काफी सहायक है आपके शरीर के ढांचे को सही करने से लेकर फिर मेरुदंड की मजबूती का कार्य करने में पवनमुक्तासन बहुत ही लाभप्रद है।
#3. जांघो की चर्बी को घटाता है
जांघों की चर्बी को घटाने में भी Pawanmuktasana सहायक है इसे करने से आप के जांघों में मजबूती आती है इस आसन को करने से शरीर लचीला बनता है।
दोस्तों इस आसन को करने से हमारे शरीर के मेरुदंड को सीधा करने में हमें सहायता मिलती है और इस आसन को करने से हमारे शरीर में लचीलापन बनता है।
किसी भी काम को करने के लिए हमारे शरीर का लचीला होना काफी आवश्यक है रोजाना इस योग को करने का सबसे बड़ा फायदा यही है कि इससे हमारे शरीर के अंगों में लचीलापन बढ़ता है।
कई लोगों में देखा गया है वह सीधा खड़ा नहीं रह पाते तो हम आपको बता दें कि इस आसन को करने से कूबड़ और टेढ़ापन की समस्या को भी दूर किया जा सकता है और अपने शारीरिक ढांचे को सीधा करने में हमें सहायता मिलती है।
#4. शारीरिक की मजबूती को बनाए रखता है
दोस्तों पवनमुक्तासन करने से हमारे शरीर की मजबूती बनी रहती है जैसे-जैसे हम बुढ़ापे की तरफ बढ़ते जाते हैं हमारे शरीर में कमजोरी आने लगती है लेकिन अगर आप इस आसन को अपने जीवन में अपना आते हैं।
तो आपके शरीर के मजबूती बनी रहेगी और आपका शरीर वृक्ष के तने के समान मजबूत हो जाएगा और आप अपने बुढ़ापे में इस बात को जरूर महसूस करेंगे अगर आप इस आसन को रोजाना करते हैं
लेकिन हम आपको बता दें कि इसकी सावधानियों को अच्छे से पढ़ ले वैसे तो यह आसन करना बहुत ही आसान है।
लेकिन हर आयु वर्ग के व्यक्ति को ध्यान में रखते हुए इन सावधानियों को ध्यान में रखना बहुत ही आवश्यक है।
क्योंकि हमारे जीवन में कई सारे उतार चढ़ाव आते रहते हैं और शारीरिक बदलाव होता है जिस को ध्यान में रखते हुए इस आसन को करने से पहले इन सावधानियों का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है वरना इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
पवनमुक्तासन योग के लिए सावधानियां
- पेट में दर्द होने पर इस आसन को नहीं करना चाहिए।
- हर्निया और saytica जैसे रोगों से पीड़ित हैं तो यह आसन नहीं करना चाहिए।
- चक्कर आने की समस्या होने पर भी इस आसन को करना दुष्प्रभाव डाल सकता है।
- पैरों से संबंधित किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं तो यह आसन नहीं करना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को इस आसन को नहीं करना चाहिए।
- पीठ में अकड़न हो तो इस आसन को नहीं करना चाहिए।
- पवनमुक्तासन करते समय जल्दबाजी या जोर जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए।
- पेट में किसी भी प्रकार की सर्जरी या शरीर के किसी अंग का ऑपरेशन हुआ हो तो इस आसन को नहीं करना चाहिए।
- अगर आपका शरीर किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है तो यह आसन नहीं करना चाहिए इसे करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
- कमर में दर्द या फिर मोच आने पर इस आसन को नहीं करना चाहिए।
Conclusion
पवनमुक्तासन योग करने के सही तरीकों और फायदों के बारे में आप भलीभांति जान चुके हैं यदि आपको हमारा यह पोस्ट पढ़कर अच्छा लगा हो या फिर आप किसी अन्य योग और आसन के फायदे और स्थिति के बारे में अच्छे से जानना चाहते हैं आप हमें नीचे कमेंट करके बता सकते हैं।